पटना साहिब (बिहार), नई दिल्ली 18 सितम्बर : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के प्रधान स. हरमीत सिंह कालका ने बताया कि तख़्त श्री हरिमंदिर जी, पटना साहिब द्वारा, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से, गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस (जो नवम्बर महीने में आएगा) को समर्पित एक ‘जागरूकता यात्रा’ का आयोजन किया गया है। स. कालका ने केंद्रीय मंत्री स. हरदीप सिंह पुरी, पटना साहिब गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान स. जगजोत सिंह सोही, बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी तथा पटना सहित अन्य राज्यों से आए नेताओं के साथ मिलकर इस जागरूकता यात्रा का फ्लैग ऑफ किया। इस अवसर पर निहंग संप्रदाय बुढ़ा दल के मुखी बाबा बलबीर सिंह भी उपस्थित रहे।
यह यात्रा गुरुद्वारा गुरु का बाग, पटना साहिब से आरंभ हुई, जो कि नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी की महान शहादत और उनके साथ शहीद हुए भाई मती दास जी, भाई सती दास जी तथा भाई दयाला जी की अमूल्य कुर्बानियों को समर्पित है। स. कालका ने विश्वभर के सिखों से अपील की कि वे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के सहज पाठ करें और 25 नवम्बर को शहीदी दिवस के अवसर पर भोग समारोह एक साथ आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि डी.एस.जी.एम.सी. द्वारा लाल किला, नई दिल्ली में तीन दिवसीय भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नौवें गुरु की बेमिसाल कुर्बानी ने भारत की वह नींव रखी, जिस पर आज का देश खड़ा है।
इस अवसर पर डी.एस.जी.एम.सी. के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में संगत ने भाग लिया। स. कालका ने ज़ोर देते हुए कहा कि यह जागरूकता यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि सिख कौम की महान विरासत और अन्य धर्मों व मानवता के लिए कुर्बानी देने की परंपरा को नई पीढ़ियों तक पहुँचाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत मानवता, धर्म और मौलिक मानव अधिकारों की रक्षा के लिए थी, जिसने पूरे विश्व के लिए एक अमर उदाहरण स्थापित किया। यह जागरूकता यात्रा, जो लगभग छह से सात हफ़्तों तक जारी रहेगी, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा सहित कुल नौ राज्यों से गुज़रते हुए अंततः श्री आनंदपुर साहिब में सम्पन्न होगी। यात्रा के दौरान संगत को गुरबाणी कीर्तन, धार्मिक प्रवचनों और प्रेरक ऐतिहासिक संदेशों के माध्यम से गुरु साहिबानों की वाणियों और शहादत की परंपरा से जोड़ा जाएगा। स. कालका ने स्पष्ट किया कि यह जागरूकता यात्रा सिख इतिहास की एक जीवंत याद है, जो हमें अपनी गौरवशाली विरासत पर गर्व करने के लिए प्रेरित करती है और आने वाली पीढ़ियों को इस आध्यात्मिक धरोहर से जुड़े रहने के लिए उत्साहित करती है। उन्होंने कहा कि जब यह यात्रा राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली पहुँचेगी, तो इसका गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा।
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